एक विनम्र दास, बंधा हुआ और असहाय, अपनी मालकिन के कठोर स्पर्श की प्रतीक्षा करता है। महिलाओं का खिलौना खुशी और दर्द की सीमाओं को पार करते हुए चिढ़ाता और प्रवेश करता है। यह वर्चस्व और समर्पण की दुनिया है, जहां हर धक्का एक आदेश है, और हर कोई और अधिक के लिए तरसता है।