एक दुष्ट पत्नी सिर्फ अपने पति के प्यार से ज्यादा चाहती है। वह उस पर हावी हो जाती है, उसे अपनी चंचलता में बदल देती है। उसका परपीड़क आनंद उसकी पीड़ा से आता है, और वह इसे हंसती है। यह प्यार की कहानी महिला वर्चस्व की एक अंधेरे, कामोत्तेजक दुनिया में बदल जाती है।