एक कामुक लोमडी आत्म-आनंद में लिप्त होती है, उसका शरीर प्रत्याशा से कांपता है। जैसे ही वह चरमोत्कर्ष पर पहुंचती है, शुद्ध परमानंद का फव्वारा फूट जाता है, उसकी तीव्र संतुष्टि का प्रमाण। यह सिर्फ कोई धार नहीं है, यह महिला स्खलन का एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रदर्शन है।