दो महिलाएं एक-दूसरे की गहरी इच्छाओं में लिप्त होती हैं, हर इंच की खोज तपस्या से करती हैं। उनकी उंगलियां कोमल त्वचा पर नृत्य करती हैं, उम्मीद का निर्माण करती हैं जब तक कि वे मूल तक नहीं पहुंच जातीं, जहां आनंद तेज हो जाता है। यह अंतरंग मुठभेड़ आपसी संतुष्टि में परिणत होती है, जिससे वे दोनों बेदम हो जाते हैं।