जब मेरी पत्नी अकेली होती है, तो वह एक जंगली सवारी की इच्छा रखती है। वह खुद को खुश करने में शर्माती नहीं है, उसकी उंगलियां उसकी गीली झांटों पर नाचती हैं। खाली घर में उसकी कराहें गूंजती हैं, जब वह परमानंद की लहरों पर सवार होती है, इस बात से बेखबर कि कौन सुन रहा होगा।